नाम से जी स्पष्ट हो जाता है असुरक्षित यानी अनसिक्योर्ड लोन किसी ऐसे लोन के संबंध में बात हो रही है, जिसके लिए कुछ भी गिरवी नहीं रखना होता है। हां, ऐसा ही होता है असुरक्षित लोन। असुरक्षित लोन मूलतः एक टर्म लोन होता है। टर्म लोन के तहत अधिकतर यह लोन बिजनेस लोन के तौर पर मिलता है।
असुरक्षित लोन के का लाभ
अनसिक्योर्ड बिजनेस लोन पाने के लिए कोई संपत्ति गिरवी नही रखना होता है। इससे उन एमएसएमई कारोबारियों को लाभ मिलता है, जिनकी पूंजी कम होती है। कम पूंजी होने के कारण वह अपने बिजनेस का विस्तार नही कर पाते हैं। इन कारोबारियों के पास इतनी संपती नही होती है कि वह उसे गिरवी रखकर सिक्योर्ड बिजनेस लोन ले सकें। इन्हीं कारोबारियों के लिए बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (एनबीएफसी) अनसिक्योर्ड बिजनेस लोन प्रदान करते हैं।
असुरक्षित लोन की शर्ते आसान होती हैं
अनसिक्योर्ड बिजनेस लोन मूलतः बिजनेस के ऊपर दिया जाता है। अनसिक्योर्ड बिजनेस लोन की शर्तें बहुत आसान होती हैं। शर्तों में मुख्यतः बिजनेस का सालाना टर्नओवर, आईटीआर, बिजनेस का प्रूफ, बिजनेस या घर में से किसी एक के मालिकाना हक़ प्रूफ चाहिए होता है।
इस तरह देखा जाये तो सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों (एमएसएमई) के लिए अनसिक्योर्ड बिजनेस लोन बहुत फायदे का सौदा है। कारोबारी जब चाहे तब अनसिक्योर्ड बिजनेस लोन लेकर अपने बिजनेस का विस्तार कर सकते हैं।
असुरक्षित लोन के बारें जानकारियां
शॉर्ट टर्म लोन के रुप में मिलता है- किसी भी तरह के लोन को चुकाने की अवधि जितनी ज्यादा होगी उतनी ही ज्यादा धनराशि को आपको चुकानी पड़ेगी। टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि लोन की अवधि जितनी कम होती उतना ही लोन चुकाने के लिए अच्छा होता है। असुरक्षित लोन की अवधित कम होती है तो इस लोन का भुगतान जल्द हो जाता है।
प्री पेमेंट या पार्ट पेमेंट चार्ज की सुविधा मिलती है। जिससे कारोबारी को यह आसानी रहती है कि जैसे उसे सुविधा हो, वह लोन को वापस कर सकता है।
प्रोसेसिंग खर्च कम होता है- सुरक्षिक लोन की स्कीम में इधर-उधर के कई प्रकार के खर्च जुड़े होते हैं, जो लोन का दबाव बढ़ा देते हैं। इसमें प्रोसेसिंग फीस, दस्तावेजों का खर्च, प्री-पेमेंट चार्जेज, पेनल्टी जैसी कई शर्ते छुपी होती हैं। लेकिन असुरक्षिक लोन में कुछ भी छुपा नहीं होता है।
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